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चुनाव के दौर में


आम आदमी फिर से खुश है चुनाव के दौर में;
भीग गया है वो वादों की बारिश के बौछार में !


आरक्षण और जात पात की राजनीति है माहिर है सब ;
तरसते रहे जाओगे ;कब हुए हैं वादे पूरे, जो होंग अब !!


लैपटॉप और मुफ्त बिजली के बजे है फिर से बिगुल ;
इतिहास गवाह है की कभी नहीं खिले है रेगिस्तान में फुल !!!


सोने वाले , जाग जा रे कही तेरे अपने न तुझसे बिछड जाए,
तेरे इस बेख्याली से कही तेरा सपनों का शहर न उजड जाए !!!!

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Delhi Gang Rape

तुमने दरिंदगी को मर्दानगी का नाम तो दे दिया हरकतों से अपनी इंसानियत को शर्मसार कर दिया | नाखूनों से जो ज़ख्म तुने, जो रूह पर छोडे है , अपनी हैवानियत से तुने , कितनी माँओं के दिल तोड़े है || अभी तो जीवित है पर मरेगी हर दिन, जब तक वो जिन्दा होगी, तुम्हारी करतूतों और नामर्दी से आज भारत माँ भी शर्मिंदा होगी ||| ए मौत के सौदागर तुझे सजा जो भी मिले वो कम होगी , तुझ दरिंदे के मौत पर ही, खुशी से हमारी आँखें नम होगी ||||

यादें ......(Memories)

तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब पा लिया , सब हो लिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादे मीठी , तेरी यादें नमकीन, तेरी यादें करे ग़मगीन ,जाने से तेरे मायूसी है छाई पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब खों दिया , बहुत रो दिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादो के सहारे , कितने पल है गुजारे , सब जीत लिया , तेरे प्यार से हारे , तेरे आने की उम्मीद खुशियाँ है लायी , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , तुझे ही सब कहा , तुझे ही रब कहा , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी !

नस्लवाद (Racism .. Death of Arunachal boy..)

ऐसी नफरत क्या ,क्यों देखते हो हम कैसे है यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे  जैसे है !! माना थोड़े से पिछड़े है , अपनों से बिछड़े है , पर हक है हमे भी , सब संग आगे हम बढे भी , जैसे तेरे सपने है , मेरे भी वैसे है , क्यों इतना जहर है  , हम भी तेरे जैसे है !! आंसू अब थमते नहीं , ख्वाबों के बाजार लगते नहीं , वतनवालों सुन लों तुम,  यही जन्मे, यही दफ़न होंगे हम, तानो से कभी लातो से से मारते हो , क्या हम ऐसे है , यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे  जैसे है !!