Skip to main content

वो बचपन बहुत प्यारा था


ना Increment की फिकर,
ना escalation का डर,
ना ईमेलों पे सवाल ,
ना सवालों से बवाल ,
ना appraisal के लिए नाइट ,
ना promotion के लिए फाइट ,
ना थी laptop की तड़क-भड़क,
ना थी वहाँ चापलूसी की सड़क,
सच्चा मासूम प्यार तब बहुत सारा था
वो बचपन बहुत ही प्यारा था !!!!!


काम के Frustration का असर मुझमें भी आया है,
बे-वजह हस्ते खेलते बच्चो को धमकाया है,
३० तारीख के इंतज़ार में पूरा महीना बिताया है ,
लोन ले लेके सपनों का आँगन बनाया है
माँ के पराठे को छोडकर Pizza को अपनाया है ,
घर को धर्मशाला ,ऑफिस को घर बनाया है ,
तब रोने के लिए कंधो का सहारा था ,
वो बचपन बहुत ही प्यारा था !!!!!

Comments

Popular posts from this blog

The Straight Hair Experiment

बाल सीधे करने के लिए लाखों तरीके लोगों ने सुझाये , टेढ़े मेढे उलटे पुलटे , करके देखे हमने सारे   उपाए | मेहँदी में मिलाया दही, अंडों का भी सर पे लगाया घोल , बालों का हो गया सत्यानाश , सब तरीको की खुली पोल || माँ ने घिसा बादाम का तेल, बीवी ने सर पे इस्त्री फिराई , टूटते बिखरते मुरझाते मेरे बालों पे, जाने कैसी शामत आई ||| सब रास्ते अपनाए हमने ,तब जाके अपने यह है जाना , बालों को सीधा और मजबूत करने, सनसिल्क ही अपनाना ||||

Delhi Gang Rape

तुमने दरिंदगी को मर्दानगी का नाम तो दे दिया हरकतों से अपनी इंसानियत को शर्मसार कर दिया | नाखूनों से जो ज़ख्म तुने, जो रूह पर छोडे है , अपनी हैवानियत से तुने , कितनी माँओं के दिल तोड़े है || अभी तो जीवित है पर मरेगी हर दिन, जब तक वो जिन्दा होगी, तुम्हारी करतूतों और नामर्दी से आज भारत माँ भी शर्मिंदा होगी ||| ए मौत के सौदागर तुझे सजा जो भी मिले वो कम होगी , तुझ दरिंदे के मौत पर ही, खुशी से हमारी आँखें नम होगी ||||

दर्द का कब्ज़ा

दिल में हो गया है दर्द का कब्ज़ा बहुत देर तलक हम सोते नहीं अफ़सोस हमें भी है गमे जिंदगी पर हम यूँ फूटफूटकर रोते नहीं ! मंजिल मिली नहीं हमें पर गलत राहों में हम कभी खोते नहीं आये मुसीबत हमारे यार पर और उड़ जाए ऐसे हम तोते नहीं ! चर्चे नदारद है महिफलों में, फिर भी नेक कामों में हम होते है खबर चाहे नहीं अख़बारों में पर लोगों की दुओं में हम होते है ! जानते है हम की राह है मुश्किल है पर यूँ ही कहाँ हम हताश होते है जिसमे जूनून और जज्बा नहीं वही लोग अक्सर जिंदगी से निराश होते है !