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यादें ......(Memories)

तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब पा लिया , सब हो लिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादे मीठी , तेरी यादें नमकीन, तेरी यादें करे ग़मगीन ,जाने से तेरे मायूसी है छाई पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब खों दिया , बहुत रो दिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादो के सहारे , कितने पल है गुजारे , सब जीत लिया , तेरे प्यार से हारे , तेरे आने की उम्मीद खुशियाँ है लायी , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , तुझे ही सब कहा , तुझे ही रब कहा , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी !
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नस्लवाद (Racism .. Death of Arunachal boy..)

ऐसी नफरत क्या ,क्यों देखते हो हम कैसे है यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे  जैसे है !! माना थोड़े से पिछड़े है , अपनों से बिछड़े है , पर हक है हमे भी , सब संग आगे हम बढे भी , जैसे तेरे सपने है , मेरे भी वैसे है , क्यों इतना जहर है  , हम भी तेरे जैसे है !! आंसू अब थमते नहीं , ख्वाबों के बाजार लगते नहीं , वतनवालों सुन लों तुम,  यही जन्मे, यही दफ़न होंगे हम, तानो से कभी लातो से से मारते हो , क्या हम ऐसे है , यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे  जैसे है !!

दर्द का कब्ज़ा

दिल में हो गया है दर्द का कब्ज़ा बहुत देर तलक हम सोते नहीं अफ़सोस हमें भी है गमे जिंदगी पर हम यूँ फूटफूटकर रोते नहीं ! मंजिल मिली नहीं हमें पर गलत राहों में हम कभी खोते नहीं आये मुसीबत हमारे यार पर और उड़ जाए ऐसे हम तोते नहीं ! चर्चे नदारद है महिफलों में, फिर भी नेक कामों में हम होते है खबर चाहे नहीं अख़बारों में पर लोगों की दुओं में हम होते है ! जानते है हम की राह है मुश्किल है पर यूँ ही कहाँ हम हताश होते है जिसमे जूनून और जज्बा नहीं वही लोग अक्सर जिंदगी से निराश होते है !

मैं भारत की बेटी हूँ

बिक रही हूँ किसी बाजार में , टूट रही हूँ किसी के अत्याचार में , निर्भया गुडिया बन छप रही हूँ , रोज किसी अखबार में | कभी सती औए कभी देहज के नाम मुझे लोगोंने जलाया है , महाभारत और रामायण होने की जड़ भी मुझे बताया   है || अपने अपनों और सपनों के आँगन छोड कर नया घर बनाती हूँ, सब त्यागकर भी मैं कुलक्षणी कुलटा के नामो से नवाजी जाती हूँ ||| कभी देवी, कभी डायन और कभी पारवती और सीता बनाया मैंने भी बेटी बहू बहन माँ बन हर रिश्ते को है निभाया |||| हर घडी जीना है मुश्किल , हर पल मौत की शया पर लेटी हूँ हर मुश्किल से लड़ती डटकर में , मैं भारत की बेटी हूँ !!!!!
                  ||||||| जिंदगी की कहानी ||||||          सुलझाओगे जितनी जिंदगी को उतना उलझ तुम जाओगे हर बात के लिए कोसोगे उसको तो कैसे जी तुम पाओगे | नमकीन मीठा शरबत का प्याला समझके इसे पी लो , जब तक है जिंदगी खुशी खुशी इसके रंग में रंगके जी लो | | क्यों दबाते है दिल में गम अच्छी नहीं यह बेज़ुबानी है , हर मौसम का तु लुत्फ़ उठा यह तो जिंदगानी है ||| क्यों खोता है हौसला तु  , क्यों है हार से घबराना , गमों की बारिश में ही तो छुपा है खुशियों का खजाना |||| कायरता है आत्महत्या ;  यह नासमझी पागलपण का नमूना है कभी किसी परिंदे या जानवर को यह करते हुए सुना है |||||                                                                                                       

Delhi Gang Rape

तुमने दरिंदगी को मर्दानगी का नाम तो दे दिया हरकतों से अपनी इंसानियत को शर्मसार कर दिया | नाखूनों से जो ज़ख्म तुने, जो रूह पर छोडे है , अपनी हैवानियत से तुने , कितनी माँओं के दिल तोड़े है || अभी तो जीवित है पर मरेगी हर दिन, जब तक वो जिन्दा होगी, तुम्हारी करतूतों और नामर्दी से आज भारत माँ भी शर्मिंदा होगी ||| ए मौत के सौदागर तुझे सजा जो भी मिले वो कम होगी , तुझ दरिंदे के मौत पर ही, खुशी से हमारी आँखें नम होगी ||||

The Straight Hair Experiment

बाल सीधे करने के लिए लाखों तरीके लोगों ने सुझाये , टेढ़े मेढे उलटे पुलटे , करके देखे हमने सारे   उपाए | मेहँदी में मिलाया दही, अंडों का भी सर पे लगाया घोल , बालों का हो गया सत्यानाश , सब तरीको की खुली पोल || माँ ने घिसा बादाम का तेल, बीवी ने सर पे इस्त्री फिराई , टूटते बिखरते मुरझाते मेरे बालों पे, जाने कैसी शामत आई ||| सब रास्ते अपनाए हमने ,तब जाके अपने यह है जाना , बालों को सीधा और मजबूत करने, सनसिल्क ही अपनाना ||||