ऐसी नफरत क्या ,क्यों देखते हो हम कैसे
है
यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे जैसे है !!
माना थोड़े से पिछड़े है , अपनों से बिछड़े
है ,
पर हक है हमे भी , सब संग आगे हम बढे भी
,
जैसे तेरे सपने है , मेरे भी वैसे है ,
क्यों इतना जहर है , हम भी तेरे जैसे है !!
आंसू अब थमते नहीं , ख्वाबों के बाजार
लगते नहीं ,
वतनवालों सुन लों तुम, यही जन्मे, यही दफ़न होंगे हम,
तानो से कभी लातो से से मारते हो , क्या
हम ऐसे है ,
यारा एक ही वतन है , हम भी तेरे जैसे है !!
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