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दर्द का कब्ज़ा

दिल में हो गया है दर्द का कब्ज़ा बहुत देर तलक हम सोते नहीं
अफ़सोस हमें भी है गमे जिंदगी पर हम यूँ फूटफूटकर रोते नहीं !

मंजिल मिली नहीं हमें पर गलत राहों में हम कभी खोते नहीं
आये मुसीबत हमारे यार पर और उड़ जाए ऐसे हम तोते नहीं !

चर्चे नदारद है महिफलों में, फिर भी नेक कामों में हम होते है
खबर चाहे नहीं अख़बारों में पर लोगों की दुओं में हम होते है !

जानते है हम की राह है मुश्किल है पर यूँ ही कहाँ हम हताश होते है
जिसमे जूनून और जज्बा नहीं वही लोग अक्सर जिंदगी से निराश होते है !



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