||||||| जिंदगी की कहानी ||||||
सुलझाओगे जितनी जिंदगी को उतना उलझ तुम जाओगे
हर बात के लिए कोसोगे उसको तो कैसे जी तुम पाओगे |
नमकीन मीठा शरबत का प्याला समझके इसे पी लो ,
जब तक है जिंदगी खुशी खुशी इसके रंग में रंगके जी लो ||
क्यों दबाते है दिल में गम अच्छी नहीं यह बेज़ुबानी है ,
हर मौसम का तु लुत्फ़ उठा यह तो जिंदगानी है |||
क्यों खोता है हौसला तु , क्यों है हार से घबराना ,
गमों की बारिश में ही तो छुपा है खुशियों का खजाना ||||
कायरता है आत्महत्या ; यह नासमझी पागलपण का नमूना है
कभी किसी परिंदे या जानवर को यह करते हुए सुना है |||||
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