Skip to main content

Happy Birthday Muskan

तु दुनिया कि रीती रिवाजों से है कोसों दूर,
तेरी निश्छल हँसी करती है जीने को मजबूर,
ना जीत का गुमान है और ना ही हार का गम ,
ना जाने तुम कैसे करती हो शोलों को शबनम ,
तु खुशीयों की वजह ,तु जीने का है अरमान ,

तु है मेरी पहचान और तु ही मेरा अभिमान !

हस्ते मुस्काते तुम आँगन को महका देती हो ,
अपनी बातों से तुम स्वप्न लोक में ले जाती हो ,
मस्तियाँ - बतिया तुम्हारी सब दुखों को भुला देती है ,
मासूमियत तेरी कपटी दुनिया से लड़ने की हिम्मत देती हैं ,
तेरे अबूझे असुलझे सवालो से रहता हू में हरदम परेशान ,
तु बेटी है माँ है और दोस्त भी , तु ही है मेरी जान ,
खुशियाँ तुझे अपार मिले , “हैप्पी बर्थडे मुस्कान” !!!

Comments

Popular posts from this blog

Delhi Gang Rape

तुमने दरिंदगी को मर्दानगी का नाम तो दे दिया हरकतों से अपनी इंसानियत को शर्मसार कर दिया | नाखूनों से जो ज़ख्म तुने, जो रूह पर छोडे है , अपनी हैवानियत से तुने , कितनी माँओं के दिल तोड़े है || अभी तो जीवित है पर मरेगी हर दिन, जब तक वो जिन्दा होगी, तुम्हारी करतूतों और नामर्दी से आज भारत माँ भी शर्मिंदा होगी ||| ए मौत के सौदागर तुझे सजा जो भी मिले वो कम होगी , तुझ दरिंदे के मौत पर ही, खुशी से हमारी आँखें नम होगी ||||

दंगे और हम - (Riots and India)

मैंने सहमे सहमे से सन्नाटे से पुछा , तू इतना शोर क्यों मचा रहा हैं,       घबराकर इशारे से ख़ामोशी ने कहा, वो देखो भाई भाई का खून बहा रहा हैं ! लहू से लाल हुए पथ पर चलकर , नफरतों की दीवारों को फांदकर , मैं हक्का बक्का अपने मोहल्ले में आया, मैंने कोने में पड़े कूडेदान में इंसानियत को पाया !! हस्ते खेलते आँगन अब कब्रिस्तान हो गए , जात पात और धरम के बीच इंसान खो गए , एकजुट हुए लड़ने महँगाई, गरीबी भ्रष्टाचार से पर अब दंगो के बीच वो हिंदू मुस्लमान हो गए !!! रुक जाओ मूर्खो, संभल जाओ और थोडा सा थम जाओ, थोडा सा सयंम , थोडा सा धैर्य  जीवन में अपनाओ , समझों नादानों तुम रोक सकते हो यह बर्बादी , ताकि जश्न ना मना पाए हमारे दुखों पे खादी !!!!

यादें ......(Memories)

तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब पा लिया , सब हो लिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादे मीठी , तेरी यादें नमकीन, तेरी यादें करे ग़मगीन ,जाने से तेरे मायूसी है छाई पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , सब खों दिया , बहुत रो दिया , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरी यादो के सहारे , कितने पल है गुजारे , सब जीत लिया , तेरे प्यार से हारे , तेरे आने की उम्मीद खुशियाँ है लायी , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी ! तेरे जाने से यारा जिंदगी है चरमराई , तुझे ही सब कहा , तुझे ही रब कहा , पर ऐसे तु रूठी , फिर   ना आयी !